हापुड़, भीषण गर्मी ने जिले में बिजली आपूर्ति की कमर तोड़ दी है। बिजलीघरों पर लगे ट्रांसफार्मर उबलने की कगार पर हैं, जिन्हें ठंडा रखने के लिए कर्मचारियों को कूलर और पानी की बौछार का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके बावजूद, बीते दो महीनों में जिले में करीब 10 करोड़ रुपये के तीन उच्च क्षमता वाले ट्रांसफार्मर जल चुके हैं, जिससे बिजली संकट और गहरा गया है।
फुंके ट्रांसफार्मर, निलंबित हुए अधिकारी
हाल ही में बाबूगढ़ बिजलीघर में लगे 10 और 8 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर जल गए थे। जांच में अधिकारियों की लापरवाही सामने आने पर अधिशासी अभियंता, एसडीओ और जेई को निलंबित कर दिया गया। इसके कुछ ही दिनों बाद लालपुर बिजलीघर का 5 एमवीए का ट्रांसफार्मर भी खराब हो गया।
एसडीओ तृतीय के अनुसार, खराब ट्रांसफार्मर की जगह नया लगाया जा चुका है।
ऊर्जीकरण पर करोड़ों खर्च, फिर भी हालात बदतर
जिले में ऊर्जीकरण के नाम पर 300 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन हालात पिछले वर्ष की तुलना में और भी खराब हो गए हैं। हल्की आंधी आते ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लैकआउट जैसी स्थिति बन जाती है, जिससे ऊर्जीकरण की हकीकत पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रातभर अंधेरे में रहीं पॉश कॉलोनियां
रविवार शाम आई आंधी के बाद शहर की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। प्रीत विहार, शिवपुरी, श्रीनगर, अर्जुन नगर जैसी पॉश कॉलोनियों में रात साढ़े 11 बजे तक बिजली नहीं आई, उसके बाद भी बार-बार ट्रिपिंग होती रही।
गढ़ रोड, बुलंदशहर रोड और दिल्ली रोड के इलाके भी बिजली संकट से बेहाल रहे।
अधिकारी नदारद, फोन तक नहीं उठे
मीनाक्षी रोड निवासी मदन सैनी ने बताया कि उन्होंने अवर अभियंता के सीयूजी नंबर पर कम से कम 20 बार कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया गया।
प्रीत विहार के अनुज ने भी यही शिकायत की। अधिशासी अभियंता तक का नंबर बंद मिला, जिससे उपभोक्ताओं में भारी रोष व्याप्त है।
ट्रांसफार्मर पर ‘इमरजेंसी कूलिंग’, आदेश जारी
एसके अग्रवाल (अधीक्षण अभियंता) ने बताया कि तापमान बढ़ने से ट्रांसफार्मर गर्म हो रहे हैं। उन्हें ठंडा रखने के लिए कूलर और पानी की बौछार की जा रही है। कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि रखरखाव में कोई लापरवाही न हो।