हापुड़ जिले के 18 शीतगृहों में इस साल भी आलू भंडारण का शुल्क नहीं बढ़ेगा। लखनऊ में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय में किसान संगठन और शीतगृह एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय हुआ है। आलू भंडारण के पुराने शुल्क पर ही सहमति बनी है। जिससे पुराने दाम ही लागू रहेंगे। निदेशालय से पत्र उद्यान विभाग हापुड़ को मिला है, जिसके आधार पर यहां भी घोषणा कर दी गई है।
जिले में तीन साल से शीतगृहों में आलू भंडारण का शुल्क नहीं बढ़ा है। पिछले दिनों हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन ने बैठक कर, शुगर फ्री और नॉन शुगर फ्री आलू के भंडारण का शुल्क 15 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया था। हालांकि किसान संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उद्यान विभाग ने प्रशासनिक बैठक न होने तक इस तरह के बढ़े दाम प्रभावी नहीं होने का आदेश दिया था।
लखनऊ स्थित उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के कक्ष में 19 फरवरी को शीतगृह एसोसिएशन और भाकियू अराजनैतिक के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में हापुड़ से भाकियू जिलाध्यक्ष पवन हूण भी शामिल हुए थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी आलू भंडारण का शुल्क नहीं बढ़ेगा। पिछले साल वाला शुल्क ही प्रभावी रहेगा। कुल मिलाकर हापुड़ में तीसरी साल भी पुराने दामों पर ही आलू भंडारण होगा।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित कुमार- ने बताया की लखनऊ निदेशालय में बैठक के दौरान आलू भंडारण के पुराने शुल्क पर ही सहमति बनी है। इस संबंध में निदेशालय से जानकारी मिली है। हापुड़ में भी पिछले साल वाली दरें ही लागू रहेंगी।