हापुड़। डाक विभाग अपने उपभोक्ताओं की सुविधा को और बेहतर बनाने की दिशा में नई तकनीक “डिजीपिन” सेवा की शुरुआत करने जा रहा है। इस सेवा के तहत अब अधूरे या अस्पष्ट पते पर भी चिट्ठी, पार्सल और स्पीड पोस्ट सही लोकेशन पर आसानी से पहुंचाई जा सकेगी।
इस तकनीक की शुरुआत जुलाई के तीसरे सप्ताह में किए जाने की संभावना है। इसके लिए विभाग का पोर्टल अपडेट किया जा रहा है।
क्या है डिजीपिन?
डिजीपिन (Digital PIN) एक 10 अंकों का यूनिक कोड है जो किसी स्थान की सटीक भौगोलिक जानकारी से जुड़ा होगा। उपभोक्ता इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से जनरेट कर सकेंगे और इसका उपयोग पार्सल बुकिंग या पत्राचार के दौरान कर सकेंगे।
इस सेवा के माध्यम से पारंपरिक पिन कोड की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि डिजीपिन के माध्यम से डाक विभाग को जीपीएस तकनीक से सही लोकेशन की जानकारी मिल जाएगी।
डाक विभाग को मिलेगा लाभ, उपभोक्ताओं को राहत
अभी तक अधूरे या गलत पते के कारण कई बार पार्सल वापस लौट जाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को असुविधा और विभाग को नुकसान होता है। डिजीपिन सेवा के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर श्रवण कुमार ने बताया कि,
“पारंपरिक पिन कोड किसी बड़े क्षेत्र (जैसे मोहल्ला या कस्बा) को दर्शाता है, लेकिन डिजीपिन से घर के दरवाजे तक की लोकेशन मिल सकेगी। इससे डाकिया को भी सही पते तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।”
डिजीपिन से जुड़े संभावित लाभ:
- अधूरे या अस्पष्ट पते पर भी पार्सल पहुंचाना संभव
- समय की बचत और सटीक डिलीवरी
- पते की GPS आधारित सटीकता
- उपभोक्ताओं को ट्रैकिंग में सहूलियत
- विभाग की कार्यक्षमता में वृद्धि
डिजीपिन सेवा के लागू होने के बाद डाक विभाग की डिलीवरी प्रणाली में क्रांतिकारी सुधार आने की उम्मीद है। यह सेवा डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल अंतर को पाटने में भी सहायक साबित होगी।