हापुड़ जिले में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो आने वाले दिनों में और भी घातक होगा। दशहरा पर जगह- जगह रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों के दहन के साथ हुई आतिशबाजी के बाद हवा बीमार हो गई और एक्यूआई 250 के पार पहुंच गया। ऐसी स्थिति में सांस के मरीजों की मुसीबत बढ़ने लगी है।
दशहरा पर्व पर छोटे बड़े रावण दहन के दौरान की गई आतिशबाजी ने रविवार को शहर की आबोहवा को खराब कर दी है। सर्दियों की शुरूआत के साथ ही शहर आबोहवा बद से बदतर होने लगती है। रविवार को शहर का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया। इससे आजमनों को काफी दिक्कतों सामना करना पड़ा।
बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए जिले में पिछले माह ग्रैप लागू कर दिया गया है। इसके बाद भी प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई जा पा रही है। चार दिन पूर्व जिले में एक्यूआई का स्तर 156 था। इसमें लोग शुद्ध हवा में सांस ले रहे थे। लेकिन, इसके बाद से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा। 12 अक्तूबर को शाम के समय जिले का एक्यूआई 201 था। जो पुतलों के दहन और आतिशबाजी के बाद रविवार सुबह 218 तक पहुंच गया। लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण शाम के समय एक्युआई 256 दर्ज किया गया। अभी से यह हाल है तो ऐसे आशंका जताई जा रही है कि अब आने वाले दिनों में जिले में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा। इससे सांस के मरीजों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान की गिरावट के साथ कोहरा दस्तक देगा। ऐसे में वातावरण में धूल के कण काफी मात्रा में बढ़ जाएंगे। पटाखों पर प्रतिबंध है, लेकिन लोग पटाखे लाते दिख रहे हैं।