हापुड़ में दिवाली के बाद जिले की हवा जहरीली हुई तो इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। जिले के अस्पतालों में प्रदूषण के रोगों से ग्रसित 412 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिन्हें अधिकतर को अस्थमा की परेशानी है। एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़कर 305 दर्ज किया गया।
शहर में चल रहे गंभीर धूल प्रदूषण के खतरों का सामना करना पड़ा है, जिससे पीड़ित मरीजों की हालत खराब हो गई है। वातावरण में धाई धुंध से मरीजों की नाक में खुजली, गले में खराश, आंखों में जलन है, साथ ही सांस, दमा और टीबी के रोगियों की हालत बिगड़ रही है। अस्थमा के रोगियों पर इस मौसम में कहर बरपा रहा है। अचानक से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ काफी बढ़ गई है। गढ़ रोड सीएचसी में बृहस्पतिवार को 852 मरीज आए, इनमें 412 मरीज प्रदूषण जनित रोगों से पीड़ित रहे।
जिला खतरनाक गैसों का चेंबर बनता जा रहा है, लेकिन लगातार प्रदूषण बढ़ने के बाद भी इसे रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया। शहर में न निर्माण कार्य पर रोक लग सकी और न ही सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया। खुले में जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा, खुले में निर्माण सामग्री पड़ी हुई है।जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।
एडीएम संदीप कुमार- ने बताया की प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ग्रैप के नियमों का जिले में सख्ती से पालन कराया जाएगा।