जनपद हापुड़ के पिलखुवा में शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए नगर पालिका में 300 से अधिक सफाई कर्मचारी हैं। पालिका इन पर करीब 60 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन, डीजल समेत अन्य पर खर्च करती है। इसके बावजूद भी शहर में सफाई व्यवस्था चौपट है।
नगर पालिका अभिलेखों में वाहन के माध्यम से घर-घर से कूड़ा एकत्र किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। नगर के जहां खाली प्लॉट कूड़ा घर बने हैं, वहीं तालाब की जगह पर कूड़ा डालकर उनका भराव किया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि मोहल्लों की नालियां महीनों तक साफ नहीं होती हैं। नालियों में गंदगी अटी पड़ी है। नगर पालिका के पास पर्याप्त साधन व कर्मचारी होने के बावजूद भी समय से साफ सफाई नहीं कराते हैं
शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए पिलखुवा नगर पालिका परिषद के 25 वार्डो की करीब 86 हजार की आबादी है। वर्तमान में पालिका में स्थाई, संविदाकर्मी और आउट सोर्सिंग के करीब 300 सफाई कर्मी एवं चालक तैनात है, जिसमें से 68 स्थाई, 79 संविदाकर्मी और बाकी के ठेकेदार के अंतर्गत है। पालिका इन पर करीब 60 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन, डीजल समेत अन्य पर खर्च करती है। इसके बावजूद भी शहर में सफाई व्यवस्था चौपट है।
शहर से रोजाना करीब 28 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। जिसे कर्मी वाहनों के जरिए मुकीमपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर पहुंचाते हैं। रेलवे रोड, रजनी विहार, एलिवेटेट के नीचे बस स्टैंड के पास, रमपुरा रोड, परतापुर चुंगी, गढ़ी, भोलापुरी, साकेत, वैष्णो कॉलोनी, संतोकड़ी समेत अन्य स्थानों पर खाली पड़े प्लॉट एवं सड़क किनारे कूड़े के ढेर लगे है।
पालिका के कार्यवाहक ईओ शुभम श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पालिका परिषद के सफाई कर्मियों द्वारा रोजाना कूड़ा एकत्र कर प्लांट पर पहुंचाया जाता है। कर्मियों द्वारा घर-घर से भी कूड़ा एकत्र किया जा रहा है। लोगों को सहयोग करना होगा इसके लिए उन्हें खाली प्लॉट और सड़क किनारे कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए।