हापुड़ में एसएसवी पीजी और इंटर कॉलेज का संचालन करने वाली शिक्षा प्रसार समिति के वर्ष 1986 के बाद बने 573 आजीवन सदस्यों की वैधता और वर्ष 2022 में हुए चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका कमिश्नर मेरठ के यहां निरस्त हो गई है। इससे पहले डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां भी यह याचिका निरस्त हो चुकी है, इस संबंध में आदेश पारित हो गया है।
शिक्षा प्रसार समिति के अंतर्गत चल रहे इंटर व डिग्री कॉलेज में 8 हजार से अधिक छात्र/छात्राएं पढ़ाई करने आते हैं। हर तीन साल में शिक्षा प्रसार समिति का विभिन्न पदों पर चुनाव होता है। इस बार के चुनाव में मंत्री पद पर अमित अग्रवाल छावनी वाले व अध्यक्ष पद पर अशोक गुप्ता बीमा वाले निर्वाचित हुए थे।लेकिन चुनाव के बाद से ही शिकायतों का दौर भी तेज हो गया।
प्रबंध समिति की आठ सदस्यों वाली पूर्व कमेटी में सदस्य रहे वीरेंद्र कुमार पिल्लू सराफ ने वर्ष 2022 में डिप्टी रजिस्ट्रार फर्मस सोसाइटी एवं चिट्स मेरठ के यहां वाद दायर किया था, जिसमें बताया गया था कि 1986 के बाद के 573 सदस्य फर्जी बनाए गए व उनका डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय से अनुमोदन नहीं कराया गया और उक्त सदस्यों को शामिल कर के वर्ष 2022 का चुनाव संपन्न कराया। इन सदस्यों के मताधिकार प्रयोग पर सवाल उठाए, इसे अवैधानिक व त्रुटिपूर्ण बताया।
साथ ही साथ उन्होंने सतीश चंद अग्रवाल, सालिका अग्रवाल, विशाल गुप्ता की सदस्यता को लेकर भी सवाल उठाए थे। लेकिन डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स मेरठ ने 2 सितंबर 2022 को याचिकाकर्ता की याचिका को बलहीन मानते हुए निरस्त कर दिया। इस आदेश को चुनौति देते हुए विरेंद्र कुमार पिल्लु ने एक अक्तूबर 2022 में न्यायालय आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ के यहां वाद दायर किया। हालांकि सुनवाई के बाद न्यायालय आयुक्त मेरठ से भी 10 नवंबर 2023 को याचिका निरस्त कर दी गई है। बता दें कि शिक्षा प्रसार समिति का चुनाव हापुड़ शहर की प्रतिष्ठा का चुनाव है, इसमें दिग्गज आमने सामने जीत हार के लिए पूरी ताकत लगाते हैं। याचिका के खारिज होने से माहौल भी गरमा गया है।
श्री शिक्षा प्रसार समिति के मंत्री अमित अग्रवाल छावनी वालों का कहना है कि कॉलेज को शिखर पर पहुंचाने का भरकम प्रयास किया जा रहा है। इस तरह की शिकायत से महाविद्यालय की छवि धुमिल होत है। साथ ही कार्य भी प्रभावित होता है।