हापुड़। खेतों में कीटनाशकों के छिड़काव से लोगों की सेहत पर असर पड़ने लगा है। जिले के अस्पतालों में हर दिन 20 से अधिक मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें कीटनाशकों के कारण उल्टियां, बेहोशी, मांसपेशियों में दर्द और सांस की दिक्कत जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। कई मरीजों को मानसिक असंतुलन की स्थिति में भी भर्ती किया जा रहा है।
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल के अनुसार, ओपीडी में रोजाना कीटनाशक के प्रभाव वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अधिकतर मरीज खेतों में स्प्रे करने के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते, जिससे जहरीली दवाएं शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।
ये लक्षण दिख रहे मरीजों में:
- उल्टियां व पेट दर्द
- धीमी सांसें और थकान
- बेहोशी या चक्कर
- मांसपेशियों में ऐंठन
- मानसिक असंतुलन
डॉ. मित्तल ने बताया कि तीन से सात दिन में मरीज ठीक हो रहे हैं, लेकिन कुछ को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि छिड़काव के दौरान मुंह पर कपड़ा या मास्क, आंखों पर चश्मा पहनें और साथ में एक व्यक्ति जरूर रखें, ताकि कोई आकस्मिक स्थिति होने पर मदद मिल सके।
डायरिया और वायरल बुखार भी बना चिंता का कारण
जिले के सरकारी अस्पतालों में डायरिया और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में भी कोई कमी नहीं आ रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, ईएनटी विभाग की ओपीडी में गले में खराश, कान दर्द जैसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि तेज धूप और खेतों में दवा के छिड़काव के दौरान सावधानी बरतें और किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें।