हापुड़। नगर पालिका की लापरवाही और वर्षों से जारी जलभराव की समस्या से त्रस्त हापुड़ देहात क्षेत्र के गिरधारी नगर मोहल्ला वासियों का आखिरकार सब्र का बांध टूट गया। शनिवार को जलभराव की गंभीर समस्या के विरोध में स्थानीय निवासियों ने गढ़-Delhi रोड को जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे तक सड़क जाम रही, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया और लंबी कतारें लग गईं।
अधूरी सड़क और निकासी न होने से गहराया संकट
गिरधारी नगर के निवासी कई महीनों से जलनिकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। अधूरी पड़ी सड़क और नालियों की बदहाल स्थिति के चलते मामूली बारिश भी इलाके को तालाब में तब्दील कर देती है। लोगों का कहना है कि नगर पालिका और संबंधित अधिकारियों को बार-बार शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे मोहल्ले में रोजाना की ज़िंदगी दूभर हो चुकी है।
कचरे और गंदे पानी से होकर निकलना बन चुका है मजबूरी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बारिश के बाद तो स्थिति और भी विकराल हो जाती है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई लोग गहरे पानी में गिरकर घायल भी हो चुके हैं। दुकानदारों और स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नगर पालिका पर लापरवाही का आरोप
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने नगर पालिका के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं, पर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। कुछ लोगों ने कहा कि क्षेत्रीय पार्षद और नगर पालिका अध्यक्ष तक भी इस मुद्दे से अवगत हैं, फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
पुलिस ने मोर्चा संभाला, समझा-बुझाकर हटाया जाम
गढ़ रोड पर बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार, थाना देहात प्रभारी व नगर कोतवाल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से संवाद किया। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को शांत कराया और आश्वासन दिया कि समस्या के स्थायी समाधान के लिए अधिकारियों से बात कराई जाएगी। इसके बाद लोग धीरे-धीरे वापस लौटे और यातायात बहाल किया जा सका।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे और नगर पालिका कार्यालय का घेराव करेंगे।
निष्कर्ष:
गिरधारी नगर की जलभराव की समस्या सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं रह गई है, बल्कि यह नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या का समाधान करे, वरना आने वाले दिनों में इस विरोध की लहर और तेज़ हो सकती है।