जनपद हापुड़ के पिलखुवा में सरकारी अस्पतालों में चर्म रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में कड़ाके की हाड कापती ठंड पड़ रही है, इस मौसम में शुष्क त्वचा और खुजली के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है।
सर्दी का सितम जारी है। गिरते तापमान की वजह से लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। तापमान में आई गिरावट के कारण त्वचा रोग भी बढ़ने लगा है। रोजाना 100 से अधिक मरीज इसी बीमारी से ग्रसित अस्पताल दवा लेने पहुंच रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों ने चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की शीघ्र तैनाती किये जाने की स्वास्थ्य विभाग से मांग की है।
पिलखुवा की पबला रोड पर सीएचसी और रेलवे रोड पर पीपीसी अस्पताल स्थित है। दोनों ही अस्पतालों में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती नहीं है। अस्पताल में चर्म रोड विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में दोनों ही अस्पतालों की रोजाना ओपीडी करीब साढ़े चार से अधिक है। जिसमें से 100 से अधिक मरीज स्क्रिन संबंधी बीमारी से ग्रस्त अस्पताल दवा लेने पहुंचते हैं।
चिकित्सक हंसराज सिंह ने बताया कि पिलखुवा और आसपास गांवों के ग्रामीणों में त्वचा रोग की अधिक शिकायत है। इसका कारण पिलखुवा में चादर बनाने होने वाले केमिकल का प्रयोग है। उन्होंने बताया कि फैक्टरियों और कारखानों में केमिकल युक्त पानी को बिना ट्रीट किये नाली में बहा दिया जाता है। सीएचसी प्रभारी चिकित्सक डॉ. शेखर सिंह ने बताया कि सर्दी के चलते खुजली के मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोजाना दोनों अस्पतालों में 100 से अधिक मरीज खुजली संबंधी अस्पताल आते हैं।