जनपद हापुड़ में दस्तोई रोड पर जिला अस्पताल में टेक्नीशियन नहीं होने के कारण मरीजों को एक्सरे के लिए पांच किलोमीटर दूर सीएचसी हापुड़ भेजा जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक होते हुए भी जिला अस्पताल ओपीडी और रेफर का केंद्र बनकर रह गया है।
गढ़ रोड सीएचसी में 100 एमए क्षमता की एक्सरे मशीन लगी है, जो करीब एक दशक पुरानी है। इसके फिल्म की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते रहे हैं। अस्पताल में मशीन या अन्य खास संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन गरीब मरीजों के लिए यह मरहम का काम करती है।
दस्तोई रोड पर 33 करोड़ की लागत से बने जिला अस्पताल में सीएचसी स्तर की सुविधाएं नहीं मिल रहीं। शासन से जिला अस्पताल में 20 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त किए गए हैं। जिनके वेतन पर हर महीने लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन सुविधा ओपीडी स्तर की ही दी जा रही है।
33 करोड़ से बने जिला अस्पताल में टेक्नीशियन नहीं होने के कारण मरीजों को एक्सरे के लिए सीएचसी भेज दिया जाता है, जो जिला अस्पताल से पांच किलोमीटर दूर है। आने जाने में ही ओपीडी का समय खत्म हो रहा है, ऐसे में मरीजों की हालत बिगड़ रही है। जिसे देखकर लगता है की चिकित्सक होते हुए भी जिला अस्पताल ओपीडी और रेफर का केंद्र बनकर रह गया है। क्योंकि अस्पताल में मशीन या अन्य खास संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
पैसों के अभाव में मरीज भीषण गर्मी में पैदल ही पांच किलोमीटर जाते हैं और फिर अगले दिन फिल्म लेकर जिला अस्पताल आते हैं। इस असुविधा से मरीजों की हालत और बिगड़ रही है। बता दें कि सीएचसी में एक टेक्नीशियन है, जिसने एक साल में 100 एमए की मशीन से ही करीब 19 हजार एक्सरे किए हैं।
सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल- का कहना है की अस्पताल में टेक्नीशियन नहीं होने के कारण एक्सरे सुविधा बंद है। शासन को टेक्नीशियन की मांग के संबंध में पत्र लिखा है। जल्द ही मरीजों को एक्सरे की सुविधा मिलेगी।