हापुड़ शहर के स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया चल रही है, फीस और कोर्स पर महंगाई की मार के साथ ही एडमिशन शुल्क और रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी अभिभावकों की जेब खाली हो रही हैं। एडमिशन शुल्क पांच से 20 हजार रुपये तक रखा है। वहीं, कई स्कूलों के पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की किताबों की संख्या काफी कम है।
स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं। एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। निजी स्कूलों में भी प्रवेश जारी हैं। नामचीन स्कूलों में दाखिलों की दौड़ तेज हो गई है। नया सत्र शुरू होते ही शहर के कई स्कूलों ने इस बार फीस में दस से 15 फीसदी तक का इजाफा किया है। कुछ डिजिटल स्कूलों की कक्षा एक की फीस प्रति महीना 4500 से भी अधिक है, जबकि उनके कोर्स की कीमत 8500 रुपये तक रखी गई है।
स्कूलों में एडमिशन से पहले रजिस्ट्रेशन फार्म लेना पड़ता है। इसका शुल्क 500 से 1500 रुपये तक होता है। यह सिर्फ एक फॉर्म होता है, जिसका इतना चार्ज है। पंजीकरण के बाद बच्चे टेस्ट देता है, यदि इसमें वह फेल हो गया तो यह शुल्क रिफंड नहीं है। इसके बाद एडमिशन शुल्क के नाम पर पांच हजार से लेकर 20 हजार रुपये एक मुश्त जमा कराए जा रहे हैं। साथ ही फीस के साथ ही एनुअल चार्ज, स्मार्ट क्लास शुल्क भी अलग से जोड़ा जा रहा है। कुल मिलाकर बच्चों को पढ़ाने में अभिभावकों की जेब ढीली हो रही हैं। लेकिन शिक्षा विभाग अभी भी अनजान है।
कार्यवाहक डीआईओएस डॉ. शैलेंद्र सिंह- ने बताया की जिलेभर के स्कूलों को निर्देशित किया है। कि वह अभिभावकों पर किसी तरह का दबाव न बनाए। यदि किसी समस्या को लेकर अभिभावक शिकायत दर्ज कराते हैं तो उसका संज्ञान लिया जाएगा और उचित कार्यवाही होगी।