हापुड़ में परिवहन विभाग ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए नई पहल शुरू की गई। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रोडवेज बसों में पैनिक बटन लगाए गए। लेकिन बसों में लगे पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं। पैनिक बटन शोपीस बनकर रह गए हैं। एक वर्ष पहले 70 बसों में ये बटन लगाए गए थे। परेशानी के दौरान मदद के लिए लगाए गए बटन अभी शुरू नहीं हुए हैं। वहीं 50 बसों में अभी तक बटन भी नहीं लग सके हैं।
हापुड़ रोडवेज डिपो से विभिन्न मार्गों पर 130 बसों का संचालन होता है। सफर के दौरान दुर्घटना या खतरा होने पर मुख्यालय व कंट्रोल रूम को जानकारी देने के लिए पिछले वर्ष रोडवेज बसों में पैनिक बटन लगाने की योजना बनाई गई थी, इस बटन का इस्तेमाल यात्रियों के द्वारा आपात स्थिति में किया जा सकेगा।जिसके बाद 70 बसों में पैनिक बटन लगाए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक शोपीस बने हुए हैं। रोडवेज बसों में लगे पैनिक बटन काम नहीं कर रहे।
वहीं, एक वर्ष बीत चुका है, 50 रोडवेज बसों में ये बटन नहीं लगे हैं। जबकि योजना के अनुसार चार माह के अंदर सभी बसों में ये बटन लगाए जाने थे। वहीं, जिन बसों में पैनिक बटन लगे हैं वह भी अभी तक न तो मुख्यालय, रीजन के कंट्रोल रूम से जोड़े गए हैं और न ही डायल 112 से जुड़े हैं। लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी इनका लाभ न मिलने पर यात्री भी सवाल उठा रहे हैं।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रणजीत सिंह ने बताया कि पैनिक बटन व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस सिस्टम लगाने का कार्य कंट्रोल रूम न बनने के कारण अधर में लटका हुआ है। मुख्यालय व रीजन के कंट्रोल रूम से जुडने के बाद सभी बसों में यात्रियों को पैनिक बटन की सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।