जनपद हापुड़ में गणेश चतुर्थी पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। भगवान शिव और पार्वती के पुत्र, प्रथम पूज्य देव श्रीगणेश घर-घर में विराजेंगे। गणेश उत्सव के लिए जगह-जगह पंडाल सज गए हैं। वहीं घरों में भी पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। सोमवार को मंगलमूर्ति की खरीदारी के लिए बाजार में काफी भीड़ रही। लाभामृत चौघड़िया में सुबह 10.50 से 1.40 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
पौराणिक कथा के अनुसार गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेश भगवान से आह्वान किया था और उनसे महाभारत को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी। कहते हैं गणेश चतुर्थी के दिन ही वेदव्यास ने श्लोक बोलना और गणपति भगवान ने महाभारत को लिपिबद्ध करना शुरू किया था। 10 दिन तक बिना रुके गणपति ने लेखन कार्य किया। इस दौरान गणेश भगवान पर धूल मिट्टी की परत जम गई। 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान कर खुद को स्वच्छ किया। तब से ही हर साल 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश की उपासना का विशेष महत्व है। विघ्नहर्ता भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देवता हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश की उपासना करने से सुख- समृद्धि, बुद्धि व बल आदि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गणपति बप्पा को लोग ढोल-नगाड़ों के साथ लाते हैं और उन्हें स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
बुद्धि और ज्ञान के देवता भगवान गणेश की पूजा का गणेश चतुर्थी सबसे बड़ा दिन माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन पूजा सही समय और मुहूर्त पर की जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है। मंगलवार को शहर के सभी पंडालों और घरों में गणेश भगवान विराजेंगे। पंडालों में श्रद्धालु भगवान गणेश के विविध रूपों का दर्शन करेंगे। बीते कुछ साल पहले यहां गणेश चतुर्थी पर इतनी धूम नहीं होती थी लेकिन, अब लोगों ने इस पर्व को परंपरागत तरीके से मनाना शुरू कर दिया है लोग भी इस पर्व को मनाने के लिए उत्साहित हैं।
बाजारों में लोगों ने गणपति बप्पा की विभिन्न प्रकार से सजीं प्रतिमाओं की खरीदारी की। लोग प्रथम पूज्य भगवान गणेश को प्रसन्न करने को पूरे मनोयोग से लगे हुए हैं। वहीं, इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गणेशोत्सव का खर्च बढ़ गया है। दुकानदार महेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष प्रतिमा समेत अन्य साज सज्जा का सामान करीब 10 फीसदी तक बढ़ गया है। मूर्तियों के साइज में भी कमी आई है। लेकिन, दाम में बढ़ोतरी हुई है।