हापुड़ | जिले के पंचायत सहायकों ने अनुचित कार्यभार और मानसिक उत्पीड़न के विरोध में बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया। खंड विकास कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान सभी पंचायत सहायकों ने नारेबाजी की और ज्ञापन सौंपते हुए इस्तीफे की घोषणा की।
📌 प्रदर्शन की प्रमुख बातें:
- कार्य से बाहर के विभागीय दबाव जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और राजस्व कार्यों को थोपे जाने का आरोप
- तकनीकी संसाधनों की कमी के बावजूद अतिरिक्त जिम्मेदारियों का दबाव
- मासिक मानदेय केवल ₹6,000, जो कार्य की तुलना में बेहद कम
- कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई समाधान नहीं
🗣️ क्या बोले पंचायत सहायक?
प्रदर्शन कर रहे पंचायत सहायकों का कहना है कि वे ग्राम पंचायतों में डिजिटल दस्तावेज प्रबंधन, जनसुनवाई पोर्टल संचालन, पंचायत बैठकों का रिकॉर्ड, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, और सरकारी योजनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि जैसे कार्य जिम्मेदारी से निभा रहे हैं।
“हमारे कार्यक्षेत्र के बाहर के कार्य लगातार थोपे जा रहे हैं। संसाधन नहीं मिलते और फिर उल्टा मानसिक उत्पीड़न किया जाता है।”
— एक पंचायत सहायक ने बताया
उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायत के बावजूद जब समाधान नहीं निकला, तो सभी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
⚠️ विकास कार्यों पर पड़ सकता है असर
सभी पंचायत सहायकों के इस्तीफे से ग्राम स्तर पर विकास कार्य और योजनाओं का संचालन प्रभावित हो सकता है। खंड विकास अधिकारी बुति सिंह को ज्ञापन सौंपते समय पंचायत सहायकों ने स्पष्ट किया कि यदि मांगों को गंभीरता से लेकर समाधान किया जाए, तो वे अपनी सेवाएं पुनः बहाल करने को तैयार हैं।
👥 प्रदर्शन में शामिल पंचायत सहायक:
जितेंद्र, मोहम्मद आदिल, अनुज यादव, विकास कोरी, अंकुर, विक्की, सचिन कुमार, सावेज अल्वी, मोहम्मद उमेर, मधु रानी, प्रीति, प्रेमचंद सैनी सहित दर्जनों पंचायत सहायक उपस्थित रहे।