जनपद हापुड़ में कोरोना महामारी से निपटने के लिए जिले के अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों की जांच के लिए मॉकड्रिल हुई। मरीज को भर्ती कर ऑक्सीजन देने में अफसर पास हो गए। पांच मिनट में मरीजों को इलाज मिला। लेकिन तीन अस्पतालों में वोल्टेज मीटरन हीं है कारण बार-बार प्लांट बंद होते रहे।
जिले के आठ अस्पतालों में मॉकड्रिल हुई, मंगलवार को जिला अस्पताल, हापुड़ सीएचसी, धौलाना, पिलखुवा, सिखैड़ा सीएचसी और तीनों मेडिकल कॉलेजों में मॉकड्रिल हुई।
मॉकड्रिल के दौरान हापुड़ सीएचसी, धौलाना और पिलखुवा सीएचसी में वोल्टेज मीटर नहीं होने के कारण बिजली सप्लाई प्रभावित होती रही। ऐसे में प्लांट बार-बार बंद होते रहे। अधिकारियों का कहना है कि शासन से वोल्टेज मीटर की डिमांड की गई है। ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो।
बता दें कि कोरोना के मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए जिला अस्पताल में 50 और सीएचसी में 20-20 बेड की व्यवस्था कराई गई है। हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कराए गए हैं, ताकि वार्डों में पर्याप्त सप्लाई दी जा सके।
मंगलवार को शासन से नामित नोडल अधिकारी विभाग के डॉ. डीके शर्मा ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान संसाधनों को परखा, यहां के सीएमएस ने नोडल अधिकारी को बताया कि एक्सरे और ईसीजी टेक्नीशियन नहीं होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, इनकी व्यवस्था कराई जाए। इस दौरान सभी संसाधन चलाकर देखे, जो समय से चले।
वहीं, गढ़ रोड सीएचसी में मरीज को भर्ती कर, मॉकड्रिल हुई। इसमें एंबुलेंस से उतारकर मरीज को पांच मिनट के अंदर वार्ड में भर्ती किया गया और उसे ऑक्सीजन भी समय से दी गई। स्टाफ से आवश्यक दवाओं की जानकारी की, जिसमें स्टाफ पास हुआ।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- का कहना है की कोरोना से मरीजों को निजात दिलाने की तैयारियां पूरी हैं। अस्पतालों में पर्याप्त बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी, सभी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।