हापुड़ जिले में ओटीएस योजना तीनों डिवीजन में फेल रही है, तिथि बढ़ने के बावजूद 2.90 लाख उपभोक्ताओं से अधिकारी सिर्फ 43251 के पंजीकरण करा पाए हैं। इनसे वसूली भी सिर्फ 55.39 करोड़ की हुई है। बिजली चोरी के मामलों में 65 फीसदी छूट थी, फिर भी 12502 उपभोक्ताओं में 1517 ही पंजीकरण करा पाए।
बिजली चोरी में फंसे उपभोक्ताओं को जुर्माना में 65 फीसदी छूट का प्रावधान था लेकिन शुरूआत से ही उपभोक्ताओं का रुझान फीका रहा। तीनों डिवीजन में करीब 2.90 लाख उपभोक्ता हैं। लेकिन इनमें सामान्य ओटीएस के लिए पंजीकरण सिर्फ 41734 हो सके। वैसे तो उपभोक्ता पर बकायेदारी 300 करोड़ से भी अधिक है। लेकिन पूरे जिले की टीम को लगाने के बावजूद इन उपभोक्ताओं से सिर्फ 51.53 करोड़ की ही वसूली हो सकी।
उधर, बिजली चोरी वाले 1517 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया। इनसे राजस्व के रूप में सिर्फ 3.86 करोड़ ही मिल सका है। जबकि जुर्माना की राशि 40 करोड़ से अधिक है। दोनों ही श्रेणी में योजना फेल रही। गढ़ डिवीजन क्षेत्र में बिजली चोरी के फर्जी नोटिस का ही परिणाम रहा कि यह डिवीजन वसूली में सबसे पीछे रहा। क्योंकि उपभोक्ताओं को जो नोटिस मिले हैं वह पोर्टल पर दर्ज जुर्माने से कहीं अधिक हैं।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- का कहना है कि ओटीएस योजना में वसूली का पूरा प्रयास किया गया। उपभोक्ताओं से अपील है कि समय से बिलों का भुगतान कर दें, अब बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।