हापुड़ जिले में ओटीएस फेल हो गई है, तीनों डिवीजन में 13358 उपभोक्ताओं पर बिजली चोरी का करीब 32 करोड़ का जुर्माना है। 2.90 लाख उपभोक्ताओं पर 600 करोड़ से अधिक की देनदारी है, इसमें 30 करोड़ की ही वसूली हो सकी है, पंजीकरण भी महज 20 फीसदी तक हुए हैं।
आठ नवंबर से ओटीएस योजना शुरू हुई थी, राजस्व वसूली के सख्त आदेश थे। लेकिन आला अधिकारी कार्यालयों की शोभा ही बढ़ाते रहे। संविदा कर्मियों की फौज गांवों में कैंप लगाने में व्यस्त रही। फिर भी सरचार्ज और जुर्माना में बंपर छूट मिलने के बावजूद अधिकारी उपभोक्ताओं को नहीं साध सके।
बिजली चोरी में उपभोक्ताओं पर निगम का करीब 32 करोड़ रुपये बकाया है। यह पैसा काफी समय से डंप ही पड़ा है, शासन ने 65 फीसदी छूट देकर अधिकारियों को शत प्रतिशत वसूली के आदेश दिए। लेकिन अधिकारी उपभोक्ताओं को समझाने में विफल हो गए। यहां तक ही बहुत से उपभोक्ताओं से संपर्क तक नहीं किया जा सका। अधिकारी महज 1197 उपभोक्ताओं से ही पंजीकरण करा सके हैं, राजस्व भी सिर्फ 3.20 करोड़ मिला है।
हापुड़ डिवीजन में 4432 उपभोक्ताओं के सापेक्ष महज 526 और पिलखुवा में 5036 उपभोक्ताओं के सापेक्ष 351 ने ही पंजीकरण कराया। गढ़ डिवीजन की स्थिति और भी बदतर रही। अब समय के साथ पैनाल्टी और जुर्माना में मिलने वाली छूट भी घट गई है। 31 दिसंबर तक योजना प्रभावी रहेगी, लेकिन जिले में इसके सफल होने की उम्मीद अब कम ही है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की ओटीएस को लेकर उपभोक्ताओं से संपर्क किया जा रहा है। गांवों में कैंप भी लगाए जा रहे हैं, 31 दिसंबर तक उपभोक्ता पंजीकरण करा कर सरचार्ज में माफी पा सकते हैं।