जनपद हापुड़ में धौलाना तहसील क्षेत्र मे फर्जी दस्तावेज के जरिए करीब 150 करोड़ की सरकारी जमीन बेचने के मामले में जिला प्रशासन ने मास्टर माइंड बैनामा लेखक की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं, जिसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है।
धौलाना तहसील क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज के जरिए वर्ष 1988 से घपला शुरू हुआ था। यह जमीन सरकारी होते हुए भी इसके फर्जी अभिलेख तैयार कर लिए। शातिरों ने तहसील प्रशासन से सांठगांठ कर इसकी आमद दरामद भी करा ली। उच्चाधिकारियों को भनक तक नहीं लगी और तत्कालीन तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने भू-माफिया के साथ मिलकर सरकार की जमीन को कोड़ियों के भाव बिकवा दिया।
यह एक बार नहीं बल्कि चार बार इसी जमीन को फर्जी दस्तावेज के जरिए बेचा गया। हापुड़ की विभिन्न तहसील के खरीदारों के साथ ही दिल्ली की पार्टियों ने भी यहां जमीन खरीदी। इस समय जमीन की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। मुख्य बात यह है कि इसी तहसील में बैनामा लिखने का काम करने वाले मास्टर माइंड बैनामा लेखक व अधिवक्ता सुनील कुमार पुत्र साधूराम निवासी अकड़ौली ने ही अधिकारियों के साथ मिलकर पूरा खेल कराया। आरोपी पर अन्य मामलों में भी जांच चल रही है।
मामला खुलने पर विक्रेता, खरीददारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की जांच के लिए डीएम ने भी कमेटी गठित की थी। जिसमें आरोपी को दोषी पाते हुए उसकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं फर्जी दस्तावेज से लाखन, गालंद, दहरा में भी जमीन बेचने के मामलों में रिपोर्ट दर्ज है।
धौलाना ग्राम पंचायत में चार अलग-अलग जगह 2.478 हेक्टेयर सरकारी जमीन थी। इस भूमि की फर्जी पत्रावली तैयार कर जमीन को चार बार बेचा गया था। करीब 150 करोड़ रुपये की कीमत वाली सरकारी जमीन के घोटाले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इस संबंध में तहसीलदार धौलाना ने 12 लोगों के खिलाफ थाना धौलाना में मुकदमा दर्ज कराया था।
हापुड़ डीएम प्रेरणा शर्मा- ने बताया की आरोपी ने ग्राम समाज की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अच्छी कीमतों पर बेचकर अपराध किया है। उसके द्वारा खरीदी गई कुल संपत्ति जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये है। उसे जल्द ही कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी।