गढ़मुक्तेश्वर। नगर में वर्षों पहले गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने और नगर के गंदे पानी की निकासी के लिए बनाई गई सीवर लाइन और एसटीपी योजना अब तक जनहित में विफल साबित हो रही है। सीवर सिस्टम की बदहाल स्थिति के बीच खुले मैनहोल नगरवासियों के लिए हर समय हादसे का खतरा बन चुके हैं।
लगभग दो दशक पहले नगर में गंगा प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सीवर लाइन डाली गई थी। लेकिन न तो गंगा को इससे फायदा हुआ और न ही नगरवासियों को। सीवर लाइन कभी ठीक से शुरू ही नहीं हो सकी, और अब उसकी खस्ताहाल हालत स्थानीय लोगों की जान पर बन आई है।
हर गली में खतरे का गड्ढा
नगर में कई स्थानों पर मैनहोल के ढक्कन गायब हैं या टूट चुके हैं। खासतौर पर रात के समय ये मैनहोल जानलेवा साबित हो सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के गिरने की घटनाएं कभी भी हो सकती हैं।
प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस मामले में एसडीएम अंकित वर्मा ने कहा है कि जल्द ही नगर पालिका ईओ से बातचीत कर क्षतिग्रस्त मैनहोल की मरम्मत और ढक्कन लगाने के निर्देश दिए जाएंगे।
“नगर की सीवर व्यवस्था की समीक्षा कार्यवाही जाएगी। ईओ को निर्देश दिए जाएंगे कि खुले मैनहोल को तुरंत बंद किया जाए और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”
— अंकित वर्मा, एसडीएम गढ़मुक्तेश्वर
नगरवासी लंबे समय से सीवर और एसटीपी की खस्ताहाली से परेशान हैं और अब स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।