जनपद हापुड़ में ठंड के साथ ही चर्म रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। इनमें सबसे अधिक मरीज स्कैबीज के हैं, जिसमें हर उम्र के महिला और पुरुष शामिल हैं। स्थिति यह है कि जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले 250 मरीजों में करीब 160 स्कैबीज के शिकार हैं। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं, प्राइवेट में भी मरीजों की भरमार है।
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत सिंह बताते हैं कि स्केबीज बीमारी सर्दी में अधिक फैलती है। स्केबीज बहुत ही संक्रामक होता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में करीबी संपर्क से ही बहुत आसानी से फैल जाता है। यह छूत की बीमारी है। यह कुछ प्रकार की स्थितियों में आसानी से फैल जाता है। हर साल सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आते हैं।
यह बीमारी त्वचा पर परजीवी के काटने से होती है। त्वचा के संपर्क में आने के बाद यह बाहरी तह में घुस जाता है त्वचा में घुसे पैरासाइट नर और मादा जोड़े बनाते हैं। मादा बाहरी त्वचा के ऊपरी परत के छेदों में छुप जाती है और अंडे देती है। अंडे से निकलने वाले पैरासाइट वयस्क होकर स्किन में छेद कर अंडे देने लगते हैं और गंभीर खुजली का कारण बनते हैं। त्वचा के अंदर पैरासाइट की संख्या बढ़ने से यह बीमारी यानी खुजली धीरे- धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है।