हापुड़। शहरवासियों की प्यास बुझाने में नाकाम रही नगर पालिका अब गर्मियों के अंत में जागी है। जब गर्मी अपने चरम पर थी और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे थे, तब हैंडपंपों की मरम्मत और रिबोर की योजना ठंडे बस्ते में पड़ी थी। अब जबकि जून का महीना लगभग समाप्त हो चुका है, नगर पालिका ने 250 हैंडपंपों के रिबोर के लिए दो करोड़ रुपये की लागत से टेंडर जारी कर दिए हैं।
इसके अतिरिक्त, 25 लाख रुपये की लागत से अवर जलाशयों और 13 लाख रुपये से भूमिगत जलाशयों की सफाई भी कराई जाएगी। यह कार्य 15वें वित्त आयोग की निधि से किया जाएगा।
पालिका क्षेत्र के लगभग 20 मोहल्लों में एक हजार से अधिक हैंडपंप लगे हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश या तो खराब हैं या पानी नहीं दे रहे। इन खराब हैंडपंपों की वजह से नागरिकों को खासकर गर्मी के दिनों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया,
“मैंने हाल ही में कार्यभार ग्रहण किया है। ये टेंडर संभवतः मुझसे पहले ही निकाले गए होंगे। खराब पड़े हैंडपंपों को रिबोर कराना जरूरी है, क्योंकि अभी भी गर्मी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और आने वाले दिनों में भी जल की जरूरत बनी रहेगी।”
पालिका का दावा है कि जुलाई में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि जब जरूरत सबसे अधिक थी, तब जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे?