हापुड़ में ऊर्जा निगम में करोड़ों के घपले, फर्जीवाड़ों की जांच दूसरों जिलों के अधिकारियों से कराई जा रही है। कई गंभीर मामलों की जांच अब अंतिम चरण में हैं। कुछ की फाइनल रिपोर्ट एमडी कार्यालय तक पहुंच गई है। रोजाना किसी न किसी मामले में जांच टीम हापुड़ पहुंच रही है। निगम की यह बदनामी नए अफसरों को भी जमने नहीं दे रही।
दरअसल, हापुड़ के ऊर्जा निगम में दो दशक पहले नलकूप बिल घोटाल हुआ था। नलकूप बिलों का पैसा लेकर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। रसीदें नाले में फैका दी गई, दो दशक तक मामले की जांच चली। एमडी कार्यालय से लेकर कई अन्य संस्थाओं ने जांच की। लेकिन आज तक भी मामले का खुलासा नहीं हुआ। इसके बाद से लगातार निगम की छवि को धूमिल किया गया। मामला अपने ही विभाग के कर्मचारियों के स्थानांतरण से जुड़ा हो या उपभोक्ताओं के एस्टीमेट बनाने से, हर कार्य में फर्जीवाड़ा किया गया। सरकारी प्रपत्रों पर भी फर्जीवाड़ा हुआ, विजिलेंस की शिकायत पर भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एके जायसवाल ने कहा कि मामलों में जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर उचित कार्यवाही की जाएगी। कार्यों में लापरवाही या गलत कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।