गढ़मुक्तेश्वर। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण प्रणाली में बदलाव करते हुए अब फेश रिकग्नाइजेशन सिस्टम (FRS) लागू किया गया है। इस प्रणाली के तहत अब गर्भवती और धात्री महिलाओं को चेहरे का मिलान होने के बाद ही पोषाहार का पैकेट मिलेगा।
इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित करना है, ताकि पोषाहार का वितरण सही व्यक्ति तक ही सीमित रहे।
क्यों किया गया बदलाव?
पूर्व में यह देखा गया था कि कई केंद्रों पर गर्भवती या धात्री महिलाओं की जगह परिवार की अन्य महिलाएं पोषाहार उठा लेती थीं। कुछ मामलों में लाभार्थी बिना आए ही पोषाहार का वितरण हो जाता था। नई व्यवस्था के तहत अब बिना चेहरे का डिजिटल मिलान और ओटीपी सत्यापन के पोषाहार नहीं मिलेगा।
कैसे काम करेगा सिस्टम?
- गर्भवती व धात्री महिलाओं की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जा रही है।
- पोषाहार वितरण के समय लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप पर OTP दर्ज करेंगी।
- इसके बाद ही चेहरे की पहचान और ओटीपी मिलान के बाद पोषाहार दिया जाएगा।
सीडीपीओ मीनाक्षी ने बताया कि यह सिस्टम फिलहाल महिलाओं पर लागू किया गया है। जल्द ही यह व्यवस्था 6 माह से 6 साल तक के बच्चों के लिए भी लागू की जाएगी।