हापुड़ – किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण लेने वाले किसानों को अब पहले से ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 की नई व्यवस्था के तहत किसानों को अब 7% वार्षिक ब्याज दर से कर्ज लौटाना होगा, जबकि पहले यही दर 3 से 4 फीसदी होती थी।
नए नियम के तहत यदि किसान 365 दिनों के भीतर पूरा ऋण चुका देते हैं, तभी उन्हें ब्याज में मिलने वाली सब्सिडी (अनुदान) उनके खाते में भेजी जाएगी। यदि समय पर भुगतान नहीं होता, तो ब्याज दर बढ़कर 11.25% तक पहुंच जाएगी।
केवल डेढ़ महीने में ही जिले के लगभग 15,000 किसान कुल 116 करोड़ रुपये के कर्जदार हो चुके हैं।
नाबार्ड ने बदली नियमावली
पहले के नियमों के अनुसार, किसानों को ऋण पर 3-4% ही ब्याज देना होता था, बाकी सब्सिडी नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) सीधे बैंक को देता था। अब यह सब्सिडी किसान को तब मिलेगी जब वह पूरा कर्ज 365 दिन के भीतर चुका देगा।
किसानों में नाराजगी बढ़ी
नए नियम से किसान खासे नाराज़ हैं। उनका कहना है कि यह व्यवस्था जमीनी हालात को नजर अंदाज करती है और छोटे किसानों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ाती है।
“केसीसी पर ऋण लेने वाले किसानों को अब 365 दिन के अंदर ऋण चुकाने पर सात फीसदी ब्याज जमा करना होगा। इस ब्याज में मिलने वाला अनुदान किसानों के खाते में आएगा।”
— प्रेम शंकर, एआर कोऑपरेटिव
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