जनपद हापुड़ में सोलर पंप से फसलों की सिंचाई का सपना देख रहे किसानों की जेब खाली होंगी। इस साल तीन एचपी से दस एचपी तक के पंप 41 से 77 हजार रुपये तक महंगे हो गए हैं। पिछले आठ साल में इस बार का लक्ष्य सबसे अधिक मिला है लेकिन, सरकार से मिलने वाली छूट भी दस फीसदी तक कम हो गई है।
बिजली की महंगी दरें और कनेक्शन में आने वाले खर्च से बचने के लिए किसानों का रुझान सोलर पंपों की ओर बढ़ा था। वर्ष 2015 में पीएम कुसुम योजना लागू हुई थी, इसके तहत किसानों को सोलर पंप पर 70 फीसदी तक अनुदान दिया जाता था। वर्ष 2023 तक कुल 455 सोलर पंपों का ही लक्ष्य मिला, इसके अनरूप किसानों ने योजना का लाभ उठाया।
इस साल के लिए अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य आया है, इसमें 360 सोलर पंप लगाए जाने हैं। जिसमें तीन एचपी से लेकर दस एचपी तक के पंप शामिल हैं। हालांकि अभी तक योजना में आवेदन का पोर्टल नहीं खुल सका है। वर्ष 2018 से केंद्र सरकार ने भी अपनी ओर से दी जाने वाली छूट 30 फीसदी ही कर दी, जोकि पहले 40 फीसदी थी। ऐसे में 30 फीसदी छूट राज्य सरकार भी दे रही है, कुल सोलर पंप पर अब 60 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है। 40 फीसदी पैसा किसान को लगाना है।
लेकिन इस साल सोलर पंप की दर में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है। किसानों को तीन एचपी के पंप पर 41 और दस एचपी के पंप पर 77 हजार रुपये अधिक खर्च करने होंगे। पांच और 7.5 एचपी के पंप के दामों में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
उप कृषि निदेशक डॉ.वीबी द्विवेदी- ने बताया की 360 सोलर पंप का लक्ष्य मिला है, हालांकि अभी आवेदन के लिए पंजीकरण नहीं खुल सका है। आदेश मिलते ही पंजीकरण शुरू कराए जाएंगे। अब तक जिले में 455 सोलर पंप लगाए जा चुके हैं।