जनपद हापुड़ में जन्म से मूकबधिर दो बच्चों को नया जीवन मिला है, स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत कानपुर में दोनों की सफल कर्णावत प्रत्यारोपण सर्जरी कराई है। एक अन्य बच्ची को भी सर्जरी के लिए रेफर कर दिया गया है। छह से अधिक बच्चों की ओपन हार्ट सर्जरी भी कराई गई है।
हापुड़ निवासी मनोज की चार वर्षीय बच्ची दिशा और मयंक के एक वर्षीय पुत्र जीयांश को जन्म से ही सुनाई नहीं देता था। जिसके कारण दोनों बच्चे बोलने में भी असमर्थ थे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बच्चों को प्राइवेट अस्पतालों में भी परिजन नहीं दिखा पा रहे थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत सर्वे के दौरान दोनों बच्चों को चिन्हित किया गया।
मिशन के प्रभारी डॉ मयंक ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चों की कर्णावत प्रत्यारोपण सर्जरी कराकर, उन्हें नया जीवन दिया जा सकत्ता है। दोनों बच्चों को सरकारी एंबुलेंस से कानपुर भेजा गया। वहां, दोनों की सफल सर्जरी हो गई, अब बच्चे स्वस्थ हैं। इसके अलावा एक बच्ची को भी कर्णावत प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए कानपुर रेफर किया गया है।
बता दें कि इस सर्जरी का खर्च करीब 13 लाख आता है, स्वास्थ्य विभाग आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन) के तहत निशुल्क सेवा दिला रहा है। डॉ. मयंक ने बताया कि कर्णावत प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद बच्चे सुनना शुरू कर देते हैं। बच्चे के स्वस्थ होने पर, दो महीने तक उसकी स्पीच थेरेपी कराई जाती है। हापुड़ में इसकी सुविधा नहीं है, विभाग बच्चों को गाजियाबाद या मेरठ भेजता है। हर तीसरे दिन थेरेपी होती है, जिसके बाद बच्चा बोलना शुरू कर देता है।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की जन्म से सुन न पाने वाले, दिल में छेद, कमर में फोड़ा, टेढ़े पैर वाले बच्चों को चिन्हित कर उनकी सर्जरी कराई जा रही है। पांच साल से कम उम्र के बच्चे भी चिन्हित किए जा रहे हैं, अभिभावक विभाग में भी संपर्क कर सकते हैं।