हापुड़। सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब न देने पर खंड शिक्षा अधिकारी को उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, आयोग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जवाब नहीं मिला तो ₹25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
हापुड़ निवासी केशव अग्रवाल ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से विभिन्न शैक्षिक बिंदुओं पर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। लेकिन संबंधित अधिकारी की ओर से अब तक कोई उत्तर नहीं दिया गया।
पहले भी भेजे जा चुके हैं कई नोटिस
सूचना आयोग के अनुसार, पहले भी खंड शिक्षा अधिकारी को 1 व 5 जनवरी, 12 मार्च, 28 अप्रैल और 13 जून को नोटिस भेजे जा चुके हैं, लेकिन इन सभी का कोई लिखित या मौखिक जवाब नहीं दिया गया।
इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने अब कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई में स्पष्ट जवाब मांगा है।
सूचना आयोग सख्त रुख में
सूचना आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि यदि अधिकारी समय पर स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो न केवल वित्तीय दंड लगाया जाएगा, बल्कि विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की जा सकती है।
निष्कर्ष:
शासन-प्रशासन की पारदर्शिता के लिए लागू आरटीआई कानून की अनदेखी करना अब अधिकारियों को भारी पड़ सकता है। आयोग के इस सख्त रुख से ऐसे मामलों में जवाबदेही तय होने की उम्मीद बढ़ गई है।