जनपद हापुड़ में ऊर्जा निगम में करोड़ों के पोर्टल घोटाला का खुलासा हुआ है, बिजली चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं को प्रपत्र-2 पर बनाकर भेजे जुर्माना के सापेक्ष पोर्टल पर सिर्फ 10 से 20 फीसदी राजस्व ही जमा किया गया, बाकी पैसा अधिकारियों ने अपनी जेबों में भर लिया।
विजिलेंस ने ऐसे करीब 40 नोटिस, ऊर्जा निगम के चेयरमैन को भेजे हैं, दो महीने पहले भी नोटिस पकड़ में आने पर स्थानीय उच्चाधिकारी ने मामला शांत करा दिया था।
दरअसल, बिजली चैकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी जाती है। किलोवाट के हिसाब से समन शुल्क बनता है साथ ही जुर्माना निर्धारित किया जाता है। उपभोक्ता तक इसकी सूचना पहुंचने और जुर्माना जमा कराने के लिए प्रपत्र-2 का नोटिस जारी कर दिया जाता है।
विजिलेंस को कुछ उपभोक्ता ऐसे मिले जिनका जुर्माना प्रपत्र-2 में तीन लाख से अधिक दर्शाया गया था, लेकिन पोर्टल पर इसे सिर्फ 35 हजार में निपटा दिया गया। सरकारी प्रपत्रों से वसूली रकम का महज दस फीसदी ही राजस्व में जमा किया। ऊर्जा निगम के कार्यालयों से जारी 40 से अधिक नोटिस विजिलेंस के हाथ लगे हैं।
नोटिसों का पोर्टल से मिलान किया गया तो 90 फीसदी अंतर मिला। मतलब साफ है कि करोड़ों की हेराफेरी कर अधिकारियों ने अपनी जेब की खानापूर्ति करने के लिए सरकार को चूना लगा दिया और जिसमे अब उनका साथ स्थानीय उच्चाधिकारी भी दे रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने कहा कि एक लिपिक को सर्किल में किया अटैच गढ़ में इस तरह का मामला सामने आने पर उस पटल पर काम करने वाले एक लिपिक को सर्किल कार्यालय से अटैच कर दिया है। अभी मामले की जांच चल रही है, जिसके बाद उचित कार्यवाही होगी।