गढ़मुक्तेश्वर। क्षेत्र में बिना मान्यता संचालित हो रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ अब शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। शासन के निर्देश पर जनपद स्तर पर एक विशेष जांच समिति गठित की गई है, जो क्षेत्र में अवैध, अमान्य और डमी स्कूलों की गहन जांच कर हर माह रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी।
खंड शिक्षाधिकारी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में ऐसे कई विद्यालय हैं, जो बिना आवश्यक शैक्षिक मान्यता के संचालन कर रहे हैं। इनमें से कुछ संस्थानों के छात्र औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त स्कूलों में नामांकित दिखाए जाते हैं, जबकि वे पढ़ाई अवैध स्कूलों में कर रहे होते हैं। यह गंभीर अनियमितता शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर सवाल उठाती है।
8वीं तक की मान्यता, पढ़ाई 12वीं तक!
मिश्रा ने बताया कि कई विद्यालयों को केवल कक्षा आठवीं तक की मान्यता प्राप्त है, लेकिन वे नियमों की अनदेखी करते हुए कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई भी अवैध रूप से संचालित कर रहे हैं। इससे न सिर्फ छात्रों का भविष्य दांव पर लग रहा है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और वैधानिकता भी प्रभावित हो रही है।
मंडलीय स्तर पर होगी निगरानी
जांच समिति को हर माह विस्तृत रिपोर्ट मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और सहायक मंडलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) को भेजनी होगी। इन रिपोर्टों के आधार पर संबंधित संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई संस्थान दोषी पाया जाता है, तो उसकी मान्यता रद्द करने से लेकर उस पर जुर्माना लगाने जैसे कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या है डमी स्कूल?
डमी स्कूल ऐसे शैक्षिक संस्थान होते हैं जो किसी और स्कूल में बच्चों का नामांकन कराकर खुद पढ़ाई कराते हैं। ये स्कूल न तो किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त होते हैं और न ही उनकी निगरानी में होते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा दोनों पर संकट मंडराता है।
निष्कर्ष:
शिक्षा विभाग की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि क्षेत्र में बिना मान्यता के स्कूलों पर प्रभावी अंकुश लगेगा और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण व वैध शिक्षा मिल सकेगी।