जनपद हापुड़ में सर्दी बढ़ने के साथ कोहरा भी पड़ना शुरू हो गया है। देर रात में सड़कों पर धुंध रहती है। इस दौरान सड़कों पर रिफ्लेक्टर और संकेतक न लगाना वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। बड़े हादसों से भी जिम्मेदार विभाग सबक नहीं ले रहे हैं। वहीं खुले हुए अवैध कट भी हादसे का कारण बन रहे हैं।
कोहरे और धुंध को देखते हुए पुलिस द्वारा वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगवाए जा रहे हैं। हर थाना प्रभारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई और इस दिशा में कार्य भी किया जा रहा है। लेकिन इसकेअलावा दूसरे विभाग इस मामले में खानापूर्ति कर रहे हैं। नेशनल हाईवे की बात करें तो हादसों को रोकने के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए गए हैं। जिले के सबसे अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र कुचेसर रोड चौपला डिवाइडर पर मात्र एक रिफ्लेक्टर की छोटी टेप लगाई गई है।
जबकि लोगों ने इसकी शिकायत की तो एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी ने एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ दिया। हाईवे-9 पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां रिफ्लेक्टर या संकेतक न होने के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। एनएच 334 की भी यही स्थिति है। शहर के अंदर भी जगह-जगह डिवाइडर टूट गए हैं और रैलिंग सड़क की ओर झुकी हुई है। बिना रिफ्लेक्टर के डिवाइडरों पर आए दिन वाहन टकराते रहते हैं। बुलंदशहर रोड डिवाइडर पर तो कई बार वाहन टकरा चुके हैं।
एडीएम संदीप कुमार- ने बताया की दुर्घटनाओं को रोकने और वाहन चालकों की परेशानियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। कोहरे और हाल ही में हुई दुर्घटना को देखते हुए संबंधित विभागों को इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।