हापुड़। जीएसटी की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने पिलखुवा में एक बोगस फर्म पर छापा मारकर करीब सात करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले का भंडाफोड़ किया है। मोदीनगर रोड स्थित फर्म में न तो कोई संचालक मिला, न मजदूर और न ही माल—लेकिन दस्तावेजों में करोड़ों रुपये का कारोबार दर्शाया गया था।
मंगलवार को एसआईबी उपायुक्त विमल कुमार दुबे के नेतृत्व में सहायक आयुक्त श्रुति गुप्ता और राज्य कर अधिकारी सतीश तिवारी की टीम ने फर्म पर छापेमारी की। मौके पर फर्म का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं मिला। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 7.44 करोड़ रुपये का ITC ब्लॉक कर दिया है।
कागजों में 83 करोड़ का कारोबार, हकीकत में सब फर्जी
जांच में सामने आया कि यह फर्म दिसंबर 2024 में “धागे का कारोबार” करने के उद्देश्य से पंजीकृत की गई थी। लेकिन मार्च 2025 तक किसी भी प्रकार की खरीद या बिक्री नहीं हुई। इसके बावजूद अप्रैल और मई में अचानक 41 करोड़ रुपये के ई-वे बिल जारी किए गए और 42 करोड़ रुपये के ई-वे बिल प्राप्त भी किए गए।
इस असामान्य गतिविधि ने एसआईबी को सतर्क किया, और सर्विलांस व एआई टूल्स की मदद से की गई गहन जांच के बाद टीम मौके पर पहुंची, जहां फर्म का कोई भौतिक संचालन नहीं मिला।
तीव्र कार्यवाही और सतर्क निगरानी
फर्म ने न केवल 7 करोड़ रुपये का फर्जी ITC क्लेम किया, बल्कि करीब 3.50 करोड़ रुपये की ITC पासआउट भी कर दी। इस तरह की फर्जीवाड़े से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।
एसआईबी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही संबंधित व्यक्तियों की पहचान कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
फर्जीवाड़े पर लगाम के प्रयास
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह धौलाना में स्क्रैप कारोबार करने वाली एक अन्य फर्म पर भी इसी प्रकार की कार्यवाही की गई थी। विभाग अब AI आधारित निगरानी और ई-वे बिल विश्लेषण के जरिए संदिग्ध कारोबारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है।