हापुड़। जहां एक ओर पुलिस प्रशासन लगातार यातायात नियमों को लेकर जागरूकता अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग न केवल अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि अपने परिवार को भी जोखिम में डालने से पीछे नहीं हट रहे। बुधवार को तहसील चौराहे पर एक व्यक्ति चार छोटे बच्चों और पत्नी को लेकर स्कूटी पर बिना हेलमेट के जाते हुए देखा गया।
यह नजारा जितना चौंकाने वाला था, उतना ही निराशाजनक भी, क्योंकि उस समय चौराहे पर यातायात पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की।
यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां
भारत में दोपहिया वाहन पर केवल दो लोगों के बैठने की अनुमति है और चालक को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। बावजूद इसके पांच लोगों को स्कूटी पर बैठाकर बिना सुरक्षा के सड़क पर दौड़ाना नियमों की सरासर अवहेलना है। ऐसे में सड़क हादसे की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि यातायात पुलिस मौके पर होने के बावजूद ऐसे गंभीर उल्लंघन को नजरअंदाज करती है, तो सड़क सुरक्षा के प्रयासों का क्या औचित्य रह जाता है? उन्होंने इस पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।
निष्कर्ष:
सरकार और पुलिस प्रशासन जितना भी प्रयास करें, जब तक आम नागरिक सुरक्षा के प्रति खुद जिम्मेदार नहीं होंगे, तब तक सड़क हादसों को रोकना मुश्किल होगा। ज़रूरी है कि लोग नियमों का पालन करें, और पुलिस भी सख्ती से निगरानी करे।