हापुड़ जिले के 18 गांवों के 756 किसानों ने ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) पर 35 लाख के जैविक कृषि उत्पाद बेच दिए है। हापुड़ के सबसे बड़े किसान समूह को प्रदेश स्तर पर उत्कृष्ट सम्मान मिला है। अब आम और बासमती को विदेशों में बेचने की तैयारी है।
किसानों ने नमामि गंगे योजना के तहत रासायनिक उर्वरकों को त्यागकर प्राकृतिक खेती शुरू की है। नमामि गंगे योजना के तहत ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा के आस पास गांवों में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू हुई है। 18 गांवों के 756 किसानों को जोड़ते हुए एक किसान समूह का गठन हुआ है। 11 डायरेक्टर और अन्य सदस्य किसानों की मेहनत रंग भी लाने लगी है। समूह के किसान 50 हजार हेक्टेयर में जैविक उर्वरकों से धान, सरसों, गेहूं, मक्का, बागवानी, सब्जी की प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। जिसमे 18 गांव के 756 किसानों ने 35 लाख की सब्जी, फल व अनाज बेचा है।
नमामि गंगे योजना के तहत प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां तक की जैविक खेती करने वाले किसानों की हर संभव सहायता के वादे भी किए गए हैं, क्योंकि जैविक खेती करने पर किसानों का उत्पादन प्रभावित होता है।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार- ने बताया की 18 गांवों में किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) ने जिस तरह प्राकृतिक और जैविक खेती को आगे बढ़ाया है, वह अन्य किसानों के लिए भी मिशाल है। प्रदेश स्तर पर इस पहल को सराहा गया है। इन किसानों ने रासायनिक उर्वरकों के बजाए जैविक उर्वरकों को चुना है जो फसल और सेहत के लिए अच्छे हैं।