हापुड़। तमाम दावों के बाद भी नगर पालिका शहर के कूड़े का निस्तारण नहीं कर पा रही है। शहर में बने तीन एमआरएफ सेंटर अभी तक चालू नहीं हुए हैं। इसका खामियाजा स्वच्छता सर्वेक्षण में भी उठाना पड़ेगा।
स्वच्छता के मामले में हापुड़ नगर पालिका कूड़ा निस्तारण में नाकाम हो रही है, जबकि सिकंदरगेट और रामपुर रोड पर तीन सेंटर बने हैं। इनमे लगी मशीनें जंग खा रहीं हैं।
केंद्र सरकार ने शहर में स्वच्छता और हर दिन कूड़े का निस्तारण करने के लिए नगर पालिकाओं में एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) बनवाए थे। एक सेंटर पर प्रतिदिन करीब पांच टन कूड़े का निस्तारण हो सकता है। सेंटर के निर्माण में करीब 50 लाख और लगभग इतनी ही धनराशि से अलग से मशीनें खरीदी गई हैं। वर्तमान में सिकंदरगेट में एक और रामपुर रोड पर दो सेंटर बने हुए हैं। लेकिन इनमें से कोई भी चालू नहीं है।
सिकंदर गेट का सेंटर तो करीब दो साल पुराना है, लेकिन यह भी कभी-कभी ही मैनुअल तरीके से चल रहा था। यहां लगी मशीनें कूड़े के ढेर के बीच पड़ी हैं। जबकि, रामपुर रोड वाले दोनों सेंटर नए हैं। इनमें मशीनें लगाकर छोड़ दी गई हैं। बिजली और अन्य समस्याओं के कारण सेंटर बंद पड़े हैं। इन्हें चलाने के लिए अभी कोई पालिका को ठेकेदार नहीं मिल रहा है। जबकि, एक सेंटर एलएन रोड पर बनना है, लेकिन विरोध के कारण उसका निर्माण अधर में लटका हुआ है।
अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल सिंह- ने बताया की तीनों सेंटरों के संचालन के लिए टेंडर निकाला गया है। मशीनें लगा दी गई हैं, जो चालू अवस्था में है। जल्द ही कूड़े का निस्तारण फिर से शुरू होगा।