हापुड़ में डिवीजन क्षेत्र के दिल्ली रोड बिजलीघर से जुड़ी मोती कॉलोनी में अधिकारियों ने करीब 700 घरों में लंबी दूरी के कनेक्शन बांट दिए। कमाई के लिए 30 सालों से अफसरों ने कॉलोनी में विद्युतीकरण तक नहीं होने दिया। बल्लियों के सहारे ये कनेक्शन 700 घरों में दिए हुए हैं, जहां आए दिन फाल्ट तो होते ही हैं, वहां हादसे का डर रहता है। अवैध तरीके से बिजलीघर की ट्रॉली पर रखा ट्रांसफार्मर कॉलोनी में लगाया हुआ है।
विद्युतीकरण पर ऊर्जा निगम करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है। समय-समय पर कई योजनाएं भी आई, लेकिन मोती कॉलोनी के लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला। ओवरलोड होकर ट्रांसफार्मर फुंके तो बिजलीघर के लिए रिजर्व ट्रॉली ट्रांसफार्मर को भी यहां लगवा दिया। अब रिवैंप योजना शुरू हुई है, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं दी गई। 30 सालों में मोहल्ले की आबादी 20 हजार के पार पहुंच गई है। ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार के स्पष्ट मामले यहां देखे जा सकते हैं, मामला भले ही लंबी दूरी के कनेक्शन से जुड़ा हो या अवैध तरीके से लगे ट्रांसफार्मर का, यहां हर नियम अधिकारियों ने तोड़ा है।
आलम यह है कि सड़क किनारे रखे ट्रांसफार्मरों से 500 मीटर दूरी तक भी केबिल कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि नियम 50 मीटर तक ही है। इस क्षेत्र में लाइनलॉस सबसे अधिक है, फिर भी अधिकारी विद्युतीकरण से बचते रहे। इसके पीछे सुविधा शुल्क बड़ा कारण रहा। अभी भी यही प्रथा चल रही है, उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। शिकायत के बाद समाधान नहीं हो रहा है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की मोती कॉलोनी में लंबी दूरी के कनेक्शन देने के मामले की जांच होगी। ट्रांसफार्मर को लेकर भी जांच होगी। रिवैंप योजना में जर्जर तारों को बदलने की सुविधा दी जा रही है। मोती कॉलोनी का भी विद्युतीकरण कराया जाएगा।