जनपद हापुड़ में मरीजों के लिए जीवन रक्षक एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस खुद बीमार हैं। यही हाल विभाग में संचालित 25 अन्य 102 और 108 नंबर एंबुलेंस का है।
इनमें प्राथमिक उपचार सहित वेंटिलेटर तक की भी व्यवस्था है। अस्पताल के आईसीयू में मरीजों को जो सुविधाएं दी जाती हैं, वह इसमें मौजूद होती है।
लेकिन विभागीय अफसरों की अनदेखी के कारण लाइफ सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस महज सामान्य गाड़ियों की तरह होकर रह गई हैं। सोमवार को जिला अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस में एक गंभीर मरीज भर्ती था, लेकिन स्टाफ ने बताया कि वेंटिलेटर खराब पड़ा है।
इनकी मियाद भी लगभग पूरी हो गई है। इसके अलावा 102 और 108 नंबर एंबुलेंस की स्थिति भी सामान्य नहीं है।
102 नंबर की 16 गाड़ियों ने करीब 12 की हालत खराब है, जो काफी जर्जर हालत में पहुंच गई हैं। फिर भी सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। अब मार्च महीने में नए सिरे से खराब गाड़ियों की बदली का दावा किया जा रहा है।
बीते दिनों गढ़ रोड सीएचसी में लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के कर्मचारी से सीएमओ ने निरीक्षण के दौरान वेंटिलेटर चलवाकर देखे थे, लेकिन स्टाफ चला नहीं पाया था। अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की सेहत को लेकर अफसर कितने गंभीर हैं।
जिले के निजी अस्पतालों से मरीजों से मोटी रकम लेकर उन्हें इधर उधर लेकर जाने वाली अधिकांश एंबुलेंस की फिटनेस तक नहीं है। अस्पतालों से करीब 80 एंबुलेंस संचालित हैं, इसमें महज 20 की ही फिटनेस है।
सीएमओ- डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि जल्द आएंगी नई गाड़ियां एंबुलेंस सेवा को लेकर निगरानी की जा रही है, जो गाड़ियां पुरानी हो चुकी हैं। उनके बारे में कंपनियों को अवगत करा दिया गया है, जल्द ही नई गाडियों की खेप मिलने वाली है।