हापुड़ में पिलखुवा के अर्वाचीन स्कूल में मान्यता के खेल का मामला उजागर होने के बाद जांच में और भी खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि स्कूल में निजी प्रकाशकों की दस से अधिक किताबें ऐसी लगाई हुई थीं, जिनकी बच्चों को आवश्यकता ही नहीं थी। मामले का खुलासा होने पर अभिभावकों में रोष है।
अर्वाचीन स्कूल में दो दिन पहले ही बीएसए रितु तोमर ने शिकायत मिलने पर निरीक्षण किया था। जिसके बाद जांच में पता चला कि स्कूल का संचालन बिना बेसिक शिक्षा विभाग की मान्यता के बिना ही किया जा रहा था। बीएसए ने इस मामले में नोटिस जारी कर 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा था।
इसके अलावा जांच में कुछ और अनियमितताएं भी सामने आई हैं। अधिकारियों की माने तो स्कूल में एनसीईआरटी के बजाय कुछ निजी प्रकाशकों की किताबें लगाकर उन्हें स्कूल के अंदर बने काउंटर से ही बेचा जा रहा था। जो एनसीईआरटी की किताबों के मुकाबले महंगी है। जिन्हें खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य किया जा रहा था। अभिभावकों का कहना था कि इस मामले की शिकायत डीएम से की जाएगी।