जनपद हापुड़ के सिंभावली गांव बक्सर में अधिकारियों की उदासीनता के चलते बंदरों का आतंक जी का जंजाल बन गया है। पिछले चौबीस घंटे में 10 लोगों पर बंदरों ने हमला कर दिया। ग्रामीणों की मानें तो रोजाना बंदरों की संख्या बढ़ रही है। कुछ लोग बाहर से बंदर लाकर जंगल में छोड़कर जा रहे हैं। डर की वजह से रिश्तेदारं फल लाने से कतराने लगे हैं।
घायल सुनील गोयल का कहना है कि दुकान के बाहर बैठे हुए थे, तभी बंदरों का झुंड आ गया और उसके हाथ पर बंदर ने काट लिया। शोर मचाने पर आस पास के लोग वहां पर आ गए। तब जाकर बंदरों का झुंड भागा। इसके अलावा रिजवान अली, दीपक, कुनाल व अन्य को भी बंदर ने हमला कर घायल कर दिया है। ढाना रोड के अलावा अन्य गली मोहल्लों में बंदरों के काटने से लोगों के घायल होने के मामले सामने आए हैं।
बंदरों के आतंक ने शहर की जनता को त्रस्त कर रखा है। बंदरों के उत्पात से शहरवासी भय के माहौल में जी रहे हैं। क्षेत्र में महिलाएं और पुरुष किसी काम से मकानों की छत पर जाते हैं तो वहां पर बंदर उन पर हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं। बंदरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए है।
बंदरों से बचने के लिए लोग अपने घरों की बालकनी छतों पर हजारों रुपए खर्च करके लोहे की जाल लगवा रहे हैं, जिससे बंदरों के आतंक से बचा जा सके। बंदर किसी न किसी बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं व राहगीरों को काट रहे हैं। बंदर झुंड बनाकर घरों में घुसकर रखा सामान उठा कर ले जाते हैं। बंदरों के डर से बच्चे गली, छतों पर नहीं खेलते हैं। महिलाएं भी छतों पर कपड़े सुखाने के बाद उनकी रखवाली करती हैं। बंदर छतों पर सूखने वाले कपड़े उठाकर ले जाते हैं। धूम में सुखने वाली खाद्य सामग्री भी नुकसान कर देते है। एसडीएम साक्षी शर्मा ने बताया कि वन विभाग की टीम को आदेश कर ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण करने के आदेश दिए जाएंगे।