हापुड़ – उत्तर प्रदेश शासन की जनसुनवाई समन्वय शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) में मेरठ रेंज के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाती है। अप्रैल 2025 की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ परिक्षेत्र ने आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में उत्तर प्रदेश के सभी परिक्षेत्रों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मुख्य बातें:
- मेरठ रेंज का प्रथम स्थान: पुलिस उपमहानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने बताया कि मेरठ रेंज ने अप्रैल 2025 में आईजीआरएस, जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध और विधिक निस्तारण करके यह उपलब्धि हासिल की है।
- गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर जोर: डीआईजी कलानिधि नैथानी ने सभी जनपद प्रभारियों को आईजीआरएस शिकायतों का उच्च गुणवत्ता और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनसुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुनने और उनका पूर्ण मनोयोग से विधिक निस्तारण करने के लिए भी कहा है।
- महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश: डीआईजी द्वारा जारी किए गए प्रमुख दिशा-निर्देश निम्नलिखित हैं।
- जांच अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर गुणवत्तापूर्ण जांच करें, केवल फोन या थाने में बैठकर रिपोर्ट न भेजें।
- थाना प्रभारी स्वयं फीडबैक लेने के बाद ही जांच आख्या अपलोड कराएं।
- थानों पर आईजीआरएस शिकायतों और फीडबैक के लिए अलग-अलग रजिस्टर बनाए जाएं, जिसमें शिकायत देने और आख्या प्राप्त करने की तारीख दर्ज हो।
- नोडल अधिकारी प्रत्येक 15 दिनों में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा करें।
- जांच आख्या में घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति (LAT, LONG) का उल्लेख किया जाए।
- महिला सुरक्षा प्राथमिकता: डीआईजी ने रेंज के जनपदों में भयमुक्त वातावरण बनाए रखने और एंटी रोमियो स्क्वाड को सक्रिय रखकर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए हैं।
मेरठ रेंज का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि क्षेत्र में जनशिकायतों के निवारण को लेकर गंभीरता बरती जा रही है और शासन की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। डीआईजी द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश निश्चित रूप से शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने में सहायक होंगे।