हापुड़ में कपूरपुर थाना क्षेत्र से जुड़े एक गांव में नाबालिग की उसके माता पिता ने तीन बार शादी करा दी। फर्जी तरीके से सामूहिक विवाह योजना से मिले 50 हजार का अनुदान भी हड़प लिया। वहीं, आरोपी जहां भी बेटी की शादी कराते उनसे बेटी के नाबालिग होने के आरोप में फंसा देने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठ लेते। लेकिन पुलिस ने सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के आदेश के बावजूद बाल अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। तीसरी बार शादी 9 जून में हुई है। बैंच ने थाने को फिर से मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दरअसल, छह दिसंबर 2022 को पहली बार नाबालिग को उसके माता पिता न्यायालय बाल कल्याण समिति लेकर पहुंचे थे, तब उनके आपस का विवाद बताया गया था। काउंसलिंग के बाद सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) ने नाबालिग को माता के सुपुर्द कर दिया। लेकिन बाद में पता चला कि नाबालिग की शादी को लेकर ही विवाद बढ़ा था।
नाबालिग की मां ने अपने ही पति की शिकायत की, इसमें बताया कि उसकी नाबालिग बेटी का 17 मई 2023 को सामूहिक विवाह योजना में विवाह कर दिया और 50 हजार रुपये ऐंठ लिए। न्यायालय बाल कल्याण समिति ने एएचटीयू (मानव तस्करी विरोधी इकाई) को नाबालिग की आयु जांच के संबंध में आदेशित किया। इसमें बच्ची नाबालिग ही निकली, साथ ही प्रमाण पत्र की जांच कराई जो फर्जी था।
इसके बाद नाबालिग की छह जनवरी 2023 को फिर से खुर्जा में शादी कर दी गई। लेकिन नाबालिग की मां ने अपने पति पर आरोप लगाया कि पति ने ससुरालियों को बेटी के नाबालिग होने के आरोप में फंसा देने की धमकी दी और तीन लाख रुपये हड़प लिए। जुलाई 2023 में बाल कल्याण समिति ने नाबालिग को राजकीय बाल गृह कानपुर भेज दिया। इसके बाद अलग-अलग सुनवाई के दौरान नाबालिग को उसकी बुआ और भाई के सुपुर्द किया गया।
लेकिन 9 जून को माता-पिता ने फिर उसकी तीसरी बार शादी कर दी। शादी के फोटो और अन्य साक्ष्यों समेत दूसरी शादी वाले पति के पिता ने बाल कल्याण समिति में शिकायत की है, अगस्त 2023 में बैंच द्वारा कपूरपुर थाने को सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। लेकिन पुलिस ने उचित कार्यवाही ही नहीं की।
अध्यक्ष/मजिस्ट्रेट बाल कल्याण समिति अभिषेक त्यागी- ने बताया की कपूरपुर थाने को शिकायती पत्र के आधार पर अग्रिम जांच के आदेश दिए गए हैं, जांच पूरी होने पर अग्रिम कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।