पिलखुवा (हापुड़) – बाल कल्याण समिति की सतर्कता और त्वरित कार्यवाही से एक 14 वर्षीय किशोरी का विवाह समय रहते रुकवाया गया। यह विवाह आगामी 4 जून को प्रस्तावित था, जिसकी सूचना चाइल्डलाइन लखनऊ के माध्यम से समिति को प्राप्त हुई थी।
सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन और थाना एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर जांच शुरू की। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी, मजिस्ट्रेट डॉ. इंदु गोस्वामी और बाबूराम गिरी ने मौके पर पहुंचकर बालिका के माता-पिता से उसकी उम्र से जुड़े दस्तावेज मांगे, लेकिन वे कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि किशोरी की शादी निर्धारित तिथि पर करवाई जानी थी। बालिग होने की पुष्टि न हो पाने के कारण समिति ने किशोरी को परिजनों को न सौंपते हुए वन स्टॉप सेंटर भेजने का आदेश दिया, जहां उसे सुरक्षित रखा जाएगा।
इस कार्यवाही में सह-आंकड़ा विश्लेषक मुकेश कुमार, चाइल्ड हेल्पलाइन की कॉर्डिनेटर दिव्या सिंह, अंकित कुमार, सुपरवाइजर जीतू गंगवार, थाना एएचटीयू प्रभारी बच्चन सिंह, उप निरीक्षक लीलाराम मीणा और आरक्षी रवि शामिल रहे।
विशेष टिप्पणी:
नाबालिग बालिकाओं के विवाह की रोकथाम में यह एक सराहनीय प्रयास है। बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह किशोरियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।