हापुड़ रेलवे की तर्ज पर रोडवेज बसों की सही लोकेशन जानने के लिए बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाने की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी सभी बसों में डिवाइस नहीं लग सके हैं। जिस कारण 79 रोडवेज बसों की लोकेशन नहीं मिल रही है। जिन बसों में डिवाइस लगे है वह भी काम नहीं कर रही हैं।
हापुड़ डिपो से लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, दिल्ली, नोएडा सहित लोकल रूटों पर 124 बसों का संचालन होता है। बसों की स्थिति जानने के लिए यात्रियों को पूछताछ केंद्र पर निर्भर होना पड़ता है। बस चालक रास्तों में कहीं भी बस खड़ी कर देते थे और जाम का बहाना देरी से डिपो में पहुंचते थे, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।
परिवहन विभाग ने अक्तूबर में सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाने की कवायद की थी। डिवाइस लगने के बाद डिपो परिसर में डिस्प्ले सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिस पर बसों के संचालन की जानकारी यात्रियों को मिलती रहे और उन्हें पूछताछ केंद्र पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
लेकिन शासन से डिवाइस न मिलने के कारण 43 बसों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस नहीं लग सकी है और जिन बसों में लगी है उनमें से भी अधिकांश बसों में डिवाइस कार्य नहीं कर रही है। ऐसे में इन बसों की अधिकारियों को लोकेशन नहीं मिल रही है। वहीं रोडवेज बस अड्डे में बसों की सही स्थिति बताने के लिए डिस्प्ले भी नहीं लग पाई है। बसों का ट्रैकिंग सिस्टम ठप पड़ा है।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रणजीत सिंह का कहना बसों में व्हीक्ल डिवाइस लगाने वाले कंपनी से शिकायत की गई है। वहीं शेष बसों में भी डिवाइस लगाकर बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।