जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में कृषि भूमि पर सह खातेदारों ने किसान की भूमि को अपना दिखाकर बैंक से 30 लाख 72 हजार रुपये का धोखाधड़ी से ऋण निकाल लिया। पीड़ित ने न्यायालय के आदेश के खिलाफ छह आरोपियों पर फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी से लोन निकालने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है।
सुनील कुमार ने बताया कि अपने भाई सतेंद्र, विनीत और माता रामरती के साथ भूमि खसरा संख्या 172 व अन्य खसरा नंबर में अन्य काश्तकारों के साथ सहखातेदार है। वह अपनी कृषि भूमि पर खेती करता है। आरोप है कि चरन सिंह, सुरेंद्र, सुधीर निवासी मोहल्ला जमीदारान निवासी गढ़ तीनों भाइयों ने आपस में मिलीभगत कर जनवरी 2017 को चरन सिंह ने 2.74 लाख रुपये सुरेन्द्र ने 2.74 लाख रुपये और सुधीर ने भी 2.74 लाख रुपये का ऋण सिंडिकेट बैंक झड़ीना से ले लिया था।
जिसके बाद जून 2017 को उक्त बैंक से ही तीनों भाईयों ने 2.50 लाख रुपये का ऋण लिया, फिर दिसंबर 2017 को 4 लाख रुपये का लोन उक्त बैंक से ही लिया था। तीन तीन बार लोन लेने व वापस जमा न करने के कारण बैंक ने इनकी रिकवरी जारी कर दी। उसके पश्चात उपरोक्त खसरा संख्याओं पर चौथी बार 2022 को सुरेन्द्र ने जिला सहकारी समिति 3 लाख रुपये, नवंबर. 2022 को चरन सिंह, नवंबर 2022 को सुधीर ने 3 लाख रुपये का लोन लिया।
पीड़ित ने बताया कि तीनों भाइयों ने जिला सहकारी समिति गढ़ नंबर 2 से ऋण लिया। सभी लोगों ने जमीन को बंधक कर चार-चार बार ऋण ले लिया और एक बार भी जमा नहीं किया। इस तरह से आरोपियों ने कुल 30 लाख 72 हजार रुपये का लोन ले लिया। ऋण जमा करने के लिए कहा तो किसान और उसके परिजनों को पीटा। आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद मजबूरी में न्यायालय के आदेश पर पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह का कहना है कि न्यायालय के आदेश पर छह आरोपियों पर फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी से लोन निकालने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है, मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।