धौलाना: मुकद्दस रमजान का पूरा महीना बेशुमार बरकतों वाला है। इस महीने में रोजेदारों पर अल्लाह तआला की बेशुमार रहमतें बरसती हैं। सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। इस महीने का तीसरा अशरा 20वें रोजे की मगरिब से शुरू होता है, जो ईद का चांद दिखाई देने तक जारी रहता है।
देहरा निवासी एडवोकेट मारूफ चौधरी बताते हैं माहे रमजान का महीना बेशुमार बरकतों वाला है। इसमें इबादत करने से जहन्नुम से आजादी मिलती है, लेकिन इबादत के साथ-साथ अपने माल की जकात अदा करना और सदका ए फितर देना भी मुकद्दस रमजान का हिस्सा है। इस महीने में ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद करे।
माहे रमजान उल मुबारक रहमत बरकत व मगफिरत का महीना है। माहे रमजान का आखिरी तीसरे अशरे में नमाज अदा करने के साथ ही, कुरआने पाक की तिलावत कर जहन्नुम की आग से बचने के लिए खुदा की ज्यादा से ज्यादा इबादत करे।