जनपद हापुड़ में सात साल बाद भी 2.5 हेक्टेयर जमीन न मिलने के कारण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (ठोस कूड़ा प्रबंधन) का निर्माण नहीं हो सका है। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के कारण योजना अटकी हुई है ऐसे में प्रशासन और नगर पालिका के अधिकारी भी कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। जिस कारण कूड़े के ढेर शहर की सड़कों से नहीं हट पा रहे हैं। जबकि, शासन छह करोड़ रुपये प्लांट के निर्माण के लिए पहले दे चुका है।
प्लांट के निर्माण के लिए एक ही स्थान पर 2.5 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। नगर पालिका क्षेत्र में यह भूमि नहीं है। ऐसे में शहर से लगे 10 किलोमीटर के क्षेत्र में भूमि की तलाश चल रही है। मुख्य वजह सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जे हैं। इनमें से अधिकतर मामले न्यायालय में लंबित हैं। लेकिन कई स्थानों पर टुकड़ों में जमीन तो मिली, लेकिन उन पर भी अवैध कब्जे हैं। एक स्थान पर 2.5 हेक्टेयर भूमि नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि प्लांट नहीं बन पा रहा है, और न शहर के कूड़े का निस्तारण हो रहा हैं।
नगर पालिका क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 106 टन गीला और सूखा कूड़ा निकलता है। इसमें से लगभग 60 टन कूड़ा सूखा होता है। इस सूखे कूड़े का निस्तारण प्लांट में होना है। प्लांट का निर्माण न होने के कारण शहर को स्वच्छ बनाने की योजनाओं भी परवान नहीं चढ़ पा रही है। इसलिए पालिका के अधिकारियों ने प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। इस कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर पालिका की रैंकिंग भी गिरती जा रही है।
एसडीएम व ईओ मनोज कुमार- ने बताया की चितौली में एक जमीन मिली थी, लेकिन वहां भी कुछ विवाद सामने आया है। चुनाव के बाद जमीन को लेकर तलाश तेज करेंगे।