सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर, स्वच्छता व्यवस्था सवालों के घेरे में
हापुड़। शहर की स्वच्छता व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बनाए गए एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर आज सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। करीब 90 लाख रुपये खर्च कर बनाए गए तीनों एमआरएफ सेंटरों पर ताले जड़े हैं, जिससे सूखे कूड़े का निस्तारण पूरी तरह ठप है और शहर की सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं।
📊 रोजाना निकलता है 106 टन कूड़ा
नगर पालिका के अनुसार, शहर से प्रतिदिन करीब 106 टन कूड़ा निकलता है, जिसमें से 40 टन से अधिक सूखा कूड़ा होता है। शासन के निर्देश पर इसके प्रबंधन के लिए एमआरएफ सेंटरों का निर्माण कराया गया था।
सिकंदर गेट और रामपुर रोड पर बनाए गए इन सेंटरों में हर दिन कम से कम छह टन कचरा निस्तारित किया जा सकता है, लेकिन किसी भी सेंटर पर कार्य नहीं हो रहा।
🏗 लाखों की लागत, फिर भी ताले
- एक सेंटर के निर्माण पर करीब ₹30 लाख का खर्च आया है।
- मशीनों सहित प्रत्येक सेंटर की कुल लागत ₹50 लाख तक पहुंची।
- सिकंदर गेट सेंटर, जो पहले मैनुअल रूप से चलता था, अब पूरी तरह बंद है।
- रामपुर रोड के दोनों सेंटरों में कोई गतिविधि नहीं हो रही।
🏗 सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी अधर में
शहर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए ढाई एकड़ भूमि की जरूरत है, लेकिन नगर पालिका के पास पर्याप्त भूमि नहीं है। यहां तक कि आसपास के गांवों में भी इतनी सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
नगर पालिका ने रामपुर रोड पर भूमि खरीदने का प्रस्ताव तहसील को भेजा, लेकिन यह भी अभी तक अधर में लटका है।
🗣️ अधिकारी बोले: जल्द होगा संचालन
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि सिकंदर गेट सेंटर के संचालन के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और कोशिश है कि माह के अंत तक सभी सेंटरों को संचालन में लाया जाए।
📌 जनता की चिंता:
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कूड़े के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है और नगर पालिका की लापरवाही से स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य ही विफल हो रहे हैं।