हापुड़ में इस साल मौनी अमावस्या का पावन दिन 9 फरवरी को है। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन जप और तप करने वाले व्यक्ति के मन को शांति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य ऋषि कौशिक ने बताया कि शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देवता और पितर यहां एकत्रित होते हैं।
मान्यता है कि माघ माह में देवता प्रयागराज आते हैं और संगम में स्नान करते हैं। इस दिन स्नान, दान और हवन करने से अलग अलग फल मिलते हैं। शास्त्र के अनुसार इस दिन मौन रहना, गंगा स्नान करना और दान देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष माघ के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 10 फरवरी को सूर्योदय की समाप्त के बाद होगी।
मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर आरंभ होगा और रात में 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसलिए इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य बहुत ही उत्तम फल देंगे। मौनी अमावस्या पर गंगा में स्नान का सबसे शुभ समय सुबह 5.21 से 9.50 बजे तक है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल से किया जाए तो दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा और संतान में वृद्धि होगी।
ज्योतिषाचार्य संतोष तिवारी ने बताया कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने से पूर्व मौन व्रत रखना चाहिए और स्नान के बाद व्रत खोलना चाहिए। इस दिन दान, जप कई गुना बढ़ जाता है। माघ मास की अमावस्या पर पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना भी श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन गो सेवा करनी चाहिए और साथ ही तिल, लौहा, स्वर्ण, रुई, नम, गऊ दान भी श्रेष्ठ माना जाता है।