जनपद हापुड़ के ब्रजघाट में 15 दिसंबर से सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, इसलिए 14 जनवरी तक खरमास रहेगा। ऐसे में एक माह तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। शहनाई गूंजती हुई नहीं सुनाई देगी।
हिंदू धर्म में खरमास एक खास अवधि है। जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास शुरू हो जाता है। पहला खर्मा मार्च-अप्रैल के दौरान पड़ता है और दूसरा खर्मा दिसंबर के महीने में पड़ता है। 15 दिसंबर से खरमास शुरू होने जा रहा है। खरमास के दौरान विवाह समेत सभी शुभ कार्य पूरी तरह से वर्जित होते हैं। पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि खरमास के दिनों में दान पुण्य का विशेष महत्व है, इन दिनों में किए गए दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के दौरान जितना संभव हो सके गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को दान करें।
खरमास में सूर्य आराधना का विशेष महत्व है। सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें और आराधना करें। सूर्य आदित्य स्त्रोत और सूर्य मंत्रों का जाप करें। सर्दी का दौर शुरू हो चुका है, इसलिए गाय को हरा चारा खिलाएं, गो सेवा करें और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। नियमित रूप से इनका पालन करें, इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।