जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में 11 माह तक सुनसान रहने वाला गंगा का रेतीला मैदान अब रंग बिरंगे तंबुओं से सज चुका है। आगामी एक सप्ताह से भी अधिक समय तक चलने वाले इस गंगा मेले का विधिवत रूप से आज शुभारंभ हो जाएगा। मेले के मुख्य द्वार का फीता काटने के बाद गंगा किनारे हवन में आहुति देकर शुभारंभ किया जाएगा। मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे और जनप्रतिनिधियों मेले में पूजन करेंगी।
गंगा नगरी गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले में श्रद्धालुओं पहुंचने लगे है। चारों तरफ श्रद्धालुओं के ट्रैक्टर दिखने लगे है और गंगा किनारे तंबुओं की नगरी बस गई है। करीब 25 किलोमीटर के दायरे में फैला मेला रात को बल्बों की रंगीन रोशनी से श्रद्धालुओं का मन मोह रहा है। झूलों पर लगी रंग-बिरंगी रोशनी अलग ही अपना रंग बिखेर रही है। गंगा किनारे तंबुओं की नगर बस गई है। आज देवोत्थान एकादशी पर शाम चार बजे कार्तिक पूर्णिमा मेले का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। 14 नवंबर को यहां पर दिवंगत आत्माओं की आत्मशांति के लिए दीपदान होगा। जबकि, 15 नवंबर को मुख्य स्नान होगा।
श्रद्धालुओं के लिए यहां पर जिला प्रशासन की ओर से इंतजाम किए जा रहे हैं। मेला प्रभारी साक्षी शर्मा ने बताया कि मेला पूजन के लिए मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, सभी विधायकों और जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा गया है। मेले में हापुड़ जनपद के अलावा गाजियाबाद, मोदीनगर, बागपत, मुज्जफरनागर, शामली के अलावा आसपास के जिलों के करीब 16 लाख श्रद्धालुओं ने अपना अपना डेरा डाल दिया हैं।
कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर मुख्य स्नान घाट के निकट ही आरती स्थल का मंच बना हुआ है। यहां पर प्रतिदिन संध्या काल के समय पंडित विनोद शास्त्री, गोविंद शास्त्री, विवेक अत्री के माध्यम से मन मोहक गंगा आरती की जा रही है, जिसमें हजारों श्रद्धालु निरंतर भाग लेकर पुण्य कमाने में लगे हुए हैं।